स्वप्न हर मनुष्य देखता है। स्वप्न छवियों , विचारो , भावनाओ एवं संवेदनाओ का उत्तराधिकार है जो आमतोर पर नींद के कुछ चरणों के दौरान मन में अनैच्छिक रूप से होता है।
सपने देकने पर हमारे मन में नए नए विचार आते है उनसे अनेको अविष्कारो के बारे में विचार करते है। कहते है की एडिसन को बल्ब के अविष्कार का विचार सपनो से ही आया था। सपने ऐसी जगह है जहा दुनिया हमारी मुट्ठी में होती है , उदहारण के लिए जब बच्चे सपने देखते है तो कहते है की मेने कल रात मेने एक बहुत अच्छा सपना देखा उसमे में एक हीरो था , मेने दुनिया की रक्षा की , और अनेको कहानिया कहते है।
मनुष्य जो कर्म हकीकत में नहीं करपाता वह उसे अपने स्वप्न में करने की चेष्टा करता है। यही कारण रहा है की जो चीज़ वो कभी कर नहीं पता वो वैसे स्वप्न बार बार देखता है। कभी कभी सपने आने वाले कल को देकने में भी मदत करते है।
इसका उदहारण हॉलीवुड तथा बॉलीवुड के पिक्टरो में भी है जैसे अवतार मूवी जो १००% मन की कल्पना एवं स्वप्न पर आधारित है और बॉलीवुड के इन दो मूवी में है जैसे इमरान हासमी की मोइवे राज २ जिसमे वो अपने स्वप्न में नंदिता का आनेवाले कल की पेंटिंग्स बनता है और दूसरी अक्षय कुमार की मूवी ८*१० तस्वीर जिसमे वो अपने पुराने हादसे से दुखी होकर अपने स्वप्न की शक्तियों से छवियों को देखकर अपने पिता के कातिल का पता लगता है।
मेरे मानने है की सुखी मनुष्य बहुत काम सपने देखता है और दुखी मनुष्य अधिक देखता है।
लोग चैन कि नींद में अचे सपने देखते है और बेचैन मन बुरा या सपने ही नहीं देख पता है। स्वप्न हमारे रोज़ के दिनचर्या पर भी अपना गहरा असर डाल सकती है, उद्धरण के लिए कोई बुरा सपना।
कुछ पंडितो के अनुसार स्वप्न में होने वाले अनेको क्रियाओ की कोई कोई कारण जरूर होती है। इसलिए वे हर एक प्रतिक्रिया को रोज़ मर्रा की ज़िन्दगी से जोड़कर उसका हल निकलने की प्रयास करता है।
सपनो में देखे हुए छवियों का कुछ मतलब समझते हुए पंडित इन पर ज़ोर देते है और कुछ निचे दी गयी बातो क मतलब बताते हुए हमे सचेत करते है।
जैसे ये है
१ किसी ऊँची इमारत से गिरना
२ पानी में डूबना
३ किसी अनजान व्यक्ति से रोज़ मिलना
४ दीवार पर सर्प को देकना
आदि अनेको विषय को पंडितो ने अपने अपने प्रतिक्रियाएं लिखी है।
स्वपन कइ बार हुम्हे सुजाहव भी देते है है ज़िन्दगी में नयी चीज़ो के बारे में भी पहले से अघा करते है इसलिए कई लोग सपने देखना भी अधिक पसंद करते है पर देख नहीं पाते है। सपनो के बारे में ये बात भी प्रचलित है की
प्रातः देखते गए सपने अधिकतम सच होते है।
एक रीसर्च के अनुसार वैज्ञानिक अच्छे वीडियो गेम्स को बनाने अतः उनमे बेहतरी की लिए के लिए उनसे संभंधित स्वप्न देखते है अथवा अपने कर्मचारियों को भी कुछ असरदार दवा देकर उनसे उनके सपने देखने की क्षमता को बेहतर करते है।
इस कलयुग में हम वर्चुअल रियलिटी, मिक्स्ड रियलिटी , ऑगमेंटेड रियलिटी , ३,४,८ डायमेंशन क बारे में सुनते है आरहे है। इनमे जो मिक्स्ड ,वर्चुअल, ऑगमेंटेड रेलाइटी है जो हुम्हे कुछ समय क लिए हुम्हे दूसरी दुनिया में भेज देती है , जिसका प्रभाव हमारे दुनिया में और हमारे सपने में भी अधिक पढता है।
लोग कच्चे नींद में भी इसतरहा के खेल के गुण गान गाते रहते है।
आप में से किसी न किसी ने तो प बी जी तो खेला ही होगा उसका प्रभाव हमारे सपनो में और हमारे दुनिया में कितना पड़ता है आप सब तो जानते है होंगे। हलाकि कुछ्लोगो को तो सपनो की दुनिया ही पसंद है।
इस तरह क खेल से यदि युवाओ को इस खेल से दूर नहीं रखा गया तो उनके शरीरी पर था उनकी सोच पर बहुत बुर प्रभाव पड़ेगा जिनसे उनमे बाहुबल की कमी था सोचने की शक्ति काम होगी लेकिन वे लोग अपनी परेशांनी का हल वहीं ढूंढ़ने की कोशिश भी करते है। लोग इसतरहा की गेम में लोग अकसर एक दूरसे से परिचित होते है और मिलझुल कर खेलते है अपनी दुविधा भी भाठ लेते है। कभी कभी ये चीज़ तो वह इस तरह की खेल से सपनो में भी करलेते है।
इसतरहा क खेल से लुसिड ड्रीमिंग बी हो सकती है। आइये जानते है लुसिड ड्रीमिंग क्या होती है।
ज। एक आकर्षक जिसके दौरान सपने देकने वाले को पता चल जाता है की वे सपना देख रहे हैं। एक स्पष्ट सपने के दौरान, सपने देकने वाले व्यक्ति, सपने देकने वाले पर्यावरण पर कुछ मात्रा में नियंत्रण प्राप्त कर सकता है ; हालाँकि , यह वास्तव में एक सपने को स्पष्ट रूप से वर्णित करने के लिए आवश्यक नहीं है।
लुसिड ड्रीमिंग हानिकारक होती है , जब ऐसा होता है तो हारमर शरीरहमारे कभू में ज्यादा तौर पर नहीं होता है , अगर हम जानते है तो भी हमारा शरीर शिर ६० प्रतिशत ही कभी में होता है कुछ लुसिड ड्रीमर्स एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर लोग लुसिड ड्रीमिंग के दौरान अपने आप कोई मृत मानते है तो व वास्तव में भी अपने आप को मृत घोषित कर सकते है।
लुसिड ड्रीमिंग क कुछ अच्छे परिणाम भी है जैसे
१. दर और भय को दूर करने के लिए सुस्पष्ट आपकी मदद करते हैं।
२. महत्वपूर्ण समस्याओंको हल करने में।
३. महत्वपूर्ण निर्णय लेने में मदद कर सकता है।
४. वास्तविक जेवण कौशल का अभ्यास और सुधार करना।
५. दुःस्वप्न पर काबू करना।
६. भावनात्मल उपचार के लिए स्पष्ट सपना।
७. अपने आतंरिक सव से जुड़ना।
जैसे और भी कई अच्छे परिणाम है।
हमारे सोने की आदत से भी हमारे सपने पर गहरा प्रभाव पढ़ सकता है। कहा जाता है की बच्चो के लिए ८ घंटो की नींद आवश्यक होती है। बच्चे सपनो में रोते ,है हस्ते है, जगाते है, तथा खेलते ,और बातें भी करते है।
सपनो की दुनिया अनमोल होती है जब जब कोई किसी को बहुत यद् करता है तो वो उसे अपने पास पाता है उनसे बात तथा उनके साथ वक़्त भी गुज़रता है चाहे वो इस दुनिया में हो या न हो या चाहे वो।
तंदरुस्त शरीर ज्यादा सपने नहीं देकता वह उसे पूरा करने की शक्ति रखता है।
बड़े बड़े विश्व विख्याता लोग यह नहीं कहते की सपने मत देखो सपने देखो बड़े देखो लेकिन उसे पूरा करने की क्षमता भी आप में होनी चाहिए।
मेने खुद ये भी देखा है की अगर कोई किसी को कुछ संदेश देना चाहता है तो वो उनके स्वप्न में आते है और कहकर चल जाते है कुछ समाज पते है और कुछ नहीं।
लोग अपने सपनो का मतलब निकलने के लिए कभी कभी उस सपने को बार बार देखने की कोशिश भी करते है मगर हर बार सफल नहीं होते। कभी कभी लोग अपने स्वप्न में देखि हुई चीज़ो को किताबो में नहीं तो पन्नो पर उतारते है। और अपना दिन उसी चीज़ो का मतलब निकलने में लगा देते है कुछ सफल होते और कुछ सफल नहीं हो पाते जो लोग इन चीज़ो में सफल होते है उनमे सोचने की क्षमता बढ़ती है। और ऐसे लोग अपने आप को पहले से आने वाली कठिनाइयों में सामहल लेते है। विश्वप्रसिद्ध मूवी अवतार इसी पंक्तियों की देन है।
कुछ सपनो साल में में एक बार या सालो में एक देखने का मौका मिलता है और जब या आता है तो लोग अधिक सोचते है। मनो या न मनो वो इनका मतलब निकलने में अपना दिन बर्बाद करते है ।
यहाँ भी कहा जा सकता है की सपने हमारे आने वाले जीवन का विषय सूचक है या दर्पण है।
जब मन में किसी के लिए शंका तथा क्रोध होता है तो कभी न कभी उनके स्वप्न भी आते है।
हम कभी कभी नई जगह पर जाते है , नए लोगो से मिलते है हमारी आंखे रोज़ नए चेहरो को देखती है। कुछ लोगो के लिए तो ये सब कुछ नया है पर कुछ है ये सब होचुका है हम यहाँ पहले भी आये थे है , हम इनलोगो को भी अपने सपनों में कभी देखा होगा कही पर सपनो में लेकिन कभी कभी ये सच नहीं होता। हमारा दिमाग ऐसा सोचें पर हमे मजबूर करता है ये बाते सच भी होसकती है पंडित इन्हे पिछले जनम की यात्रा भी कहते है।
सपने सबके अपने होते है इसे देखना या न देखना हमपर निर्भर है।